मुंबई, 16 जून (भाषा) विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरते हुए 12 पैसे चढ़कर 78.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। डॉलर के कमजोर होने और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपये में मजबूती आई है।
कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने तथा बेरोजगारी बढ़ने के अनुमान के बाद डॉलर सूचकांक अपने बढ़े हुए स्तर से नीचे आ गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.06 के भाव पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 78 -78.12 के दायरे में रहने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की तेजी के साथ 78.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
इससे पहले, बुधवार को रुपया 18 पैसे लुढ़ककर अपने रिकॉर्ड निचले स्तर 78.22 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत घटकर 105.02 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का दाम 0.25 प्रतिशत घटकर 118.21 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘व्यापार घाटे के आंकड़ों में वृद्धि, क्षेत्रीय मुद्राओं के कमजोर होने, जोखिम उठाने से बचने की धारणा के बावजूद रुपये को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से समर्थन मिला।’’
बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत से वस्तुओं का निर्यात 20.55 प्रतिशत बढ़कर 38.94 अरब डॉलर का हो गया। दूसरी ओर व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 24.29 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा।
परमार ने कहा कि निकट भविष्य में रुपये में राहत देने वाली तेजी देखने को मिल सकती है लेकिन प्रतिकूल स्थितियां अभी भी बनी हुई हैं।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक कारोबार के अंत में 1,045.60 अंक की गिरावट के साथ 51,495.79 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक, पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 3,257.65 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश रमण
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