मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) डॉलर के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया और छह पैसे की बढ़त के साथ 84.40 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में सुस्त धारणा के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच विदेशी कोषों की निरंतर निकासी से रुपये का लाभ सीमित रहा।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि डॉलर बनाम रुपया जोड़ी पर नीचे की ओर दबाव, मुख्य रूप से लगातार मुद्रास्फीति और विदेशी कोषों की निकासी के कारण ऐसा है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.42 पर खुला। सत्र के दौरान स्थानीय मुद्रा ने 84.37 के उच्चस्तर को छुआ। अंत में यह डॉलर के मुकाबले 84.40 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से छह पैसे की तेजी है।
बृहस्पतिवार को रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.46 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
‘गुरु नानक जयंती’ के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये को यह मामूली समर्थन हाल के दिनों में एफआईआई की बिकवाली गतिविधि में कमी से भी मिला, साथ ही उम्मीद है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के कारण बिकवाली का दबाव सीमित रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘रुपये को 84.45-84.52 के दायरे में समर्थन मिलने की उम्मीद है, जबकि प्रतिरोध 84.25-84.30 के आसपास रहने का अनुमान है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 106.55 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत बढ़कर 71.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 241.30 अंक गिरकर 77,339.01 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 78.90 अंक के नुकसान के साथ 23,453.80 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,849.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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