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Monday, 11 August, 2025
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रुपया तीन पैसे की बढ़त के साथ 87.69 प्रति डॉलर पर

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मुंबई, सात अगस्त (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने – (कुल 50 प्रतिशत करने) की घोषणा के बाद बाजार की कारोबारी धारणा प्रभावित होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया एक सीमित दायरे में स्थिर रहा और डॉलर के मुकाबले केवल तीन पैसे बढ़कर 87.69 (अस्थायी) पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कमजोर कीमतों और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट ने रुपये को समर्थन दिया। हालांकि, सुस्त घरेलू बाजारों और विदेशी पूंजी की निकासी ने रुपये की बढ़त को सीमित कर दिया।

इसके अलावा, ट्रंप के आक्रामक कदम, जो 21 दिन में लागू होगा, से चुनिंदा भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ने का खतरा है – जिससे भारतीय माल वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कर वाले अमेरिकी आयात में शामिल हो जाएगा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 87.69 पर खुला और दिन भर 87.67-87.77 के दायरे में घट-बढ़ के बाद 87.69 (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव से तीन पैसे की बढ़त है।

बुधवार को रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे बढ़कर 87.72 पर बंद हुआ।

भारतीय निर्यात पर ट्रंप के शुल्क से कपड़ा, समुद्री और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है और भारत ने इसे ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ करार दिया है।

रूसी तेल आयात के लिए भारत को विशेष रूप से चिन्हित करने वाले इस कदम से, भारत पर ब्राजील के साथ 50 प्रतिशत का उच्चतम अमेरिकी शुल्क लगेगा।

अमेरिका ने रूसी आयात के लिए यह अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना केवल भारत पर लगाया है, जबकि चीन और तुर्की जैसे अन्य खरीदार अब तक ऐसे कठोर उपायों से बचे हुए हैं। चीन पर 30 प्रतिशत और तुर्की पर 15 प्रतिशत शुल्क भारत के 50 प्रतिशत शुल्क से कम है।

मिराए एसेट शेयरखान में शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि रुपया गिरेगा क्योंकि व्यापार शुल्क समझौता अब भी लंबित है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वैश्विक तेल की गिरती कीमतें निचले स्तर पर रुपये को सहारा दे सकती हैं।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 87.50 से 88 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है।’’

इस बीच, शुल्क अनिश्चितताओं को लेकर चिंताओं के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने और तटस्थ रुख बनाए रखने का फैसला किया।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

इस बीच, वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.52 प्रतिशत बढ़कर 67.24 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।

विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत गिरकर 98.08 रह गया।

घरेलू शेयर बाजार में, सेंसेक्स 79.27 अंक बढ़कर 80,623.26 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 21.95 अंक बढ़कर 24,596.15 पर बंद हुआ।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 4,999.10 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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