मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में सुधार के बीच रुपया सोमवार को शुरुआती बढ़त गंवाकर छह पैसे की गिरावट के साथ 87.58 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ अतिरिक्त शुल्क लगाने की समयसीमा नजदीक आने और फेडरल रिजर्व की 17 सितंबर की बैठक से पहले आने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों को देखते हुए निवेशक सतर्क थे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.38 पर बढ़त के साथ खुला। बाद के कारोबार में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.34 के ऊपरी स्तर और 87.61 के निचले स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 87.58 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे गिरकर 87.52 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ”भारत पर अमेरिकी शुल्क के कारण रुपया लगातार दबाव में है, जिससे डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं के मजबूत होने के बावजूद बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है।”
इसके अलावा तेल आयातक लगातार डॉलर खरीद रहे हैं, जिससे रुपये पर दबाव पड़ रहा है।
भंसाली ने कहा, ‘‘फिच ने ऋण कमजोरी, उच्च राजकोषीय घाटा, ऋण भुगतान और उच्च अमेरिकी शुल्क का हवाला देते हुए भारत के लिए ‘बीबीबी नकारात्मक’ रेटिंग को कायम रखा है। भारत के 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल भी लगातार बढ़ रहा है। इनके बीच रुपये के लिए अच्छी बोली लगी।”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत बढ़कर 97.95 पर पहुंच गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने हाल में नरम रुख अपनाने की बात कही थी, जिससे डॉलर को समर्थन मिला।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 68.01 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1,622.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय अजय
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