मुंबई, छह मई (भाषा) बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता और जोखिम उठाने की क्षमता के सतर्क पुनर्मूल्यांकन के बीच मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 84.45 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने के कारण डॉलर-रुपये की जोड़ी को समर्थन मिला, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया, जिससे रुपये पर दबाव रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.28 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.26 के दिन के उच्चतम स्तर और 84.63 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा। कारोबार के अंत में रुपया 84.45 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद स्तर से 15 पैसे की गिरावट है।
सोमवार को रुपया 27 पैसे की तेजी के साथ 84.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर होते घरेलू शेयर बाजार के कारण डॉलर में रुपये के मुकाबले तेजी आई। केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप और कमजोर चीनी युआन ने रुपये की मुश्किलें और बढ़ा दीं। नतीजतन, निकट भविष्य में डॉलर-रुपया हाजिर दर 84.25 और 84.90 के बीच स्थिर रहने का अनुमान है।’’
इस बीच, पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सात मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला, डॉलर इंडेक्स 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.78 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 2.86 प्रतिशत बढ़कर 61.95 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 155.77 अंक टूटकर 80,641.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 81.55 अंक टूटकर 24,379.60 पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एमआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध आधार पर 497.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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