मुंबई, 14 मार्च (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी कोषों की निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 76.54 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर बढ़ने के कारण भी बाजार धारणा प्रभावित हुई।
उन्होंने कहा, हालांकि शेयर बाजारों की तेजी ने रुपये की गिरावट पर अंकुश लगा दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.63 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपये की गिरावट कुछ कम हुई लेकिन निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर अपना रुख करने से रुपये में कमजोरी बनी रही।
इस दौरान घरेलू मुद्रा ने 76.52 के ऊपरी और 76.69 के निचले स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में रुपया 76.54 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो इसके पिछले बंद भाव के मुकाबले 10 पैसे की गिरावट को दर्शाता है।
रुपया बृहस्पतिवार को 19 पैसे की तेजी के साथ 76.43 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘रुपये में लगातार तीसरे सत्र में एक सीमित दायरे में कारोबार हुआ, लेकिन रूस और युक्रेन युद्ध को लेकर अनिश्चितता की स्थिति घटने से रुपये का नुकसान सीमित रहा। इसके अलावा, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें उच्चस्तर से घटने की वजह से भी रुपये को समर्थन प्राप्त हुआ।’’
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति आंकड़ों के आने से पहले कारोबारियों ने सतर्कता का रुख अपनाया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को लेकर अनिश्चितता तथा उच्च मुद्रास्फीति दर कायम रहने के कारण निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों से दूर बने रहे।
इस बीच, छह प्रमुख मु्द्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.39 प्रतिशत घटकर 98.79 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 3.28 प्रतिशत घटकर 108.97 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,263.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.