नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने आयकर रिटर्न के मुकाबले कहीं अधिक आय का आकलन करने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उपयुक्त प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने के लिए संशोधित निर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2015 में प्रत्येक प्रधान आयुक्त कार्यालय में आय के अधिक आकलन वाले मामलों से जुड़े करदाताओं की शिकायतों के समाधान को लेकर स्थानीय समिति के गठन का प्रस्ताव किया था। अब अधिकारी और करदाताओं के आमने-सामने आये बिना (फेसलेस) आकलन व्यवस्था को देखते हुए सीबीडीटी ने इन समितियों के गठन और कामकाज को लेकर संशोधित निर्देश जारी किया है।
सीबीडीटी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि करदाताओं को बेहतर सेवाएं और उनकी शिकायतों में कमी लाने को लेकर कर विभाग की नीति और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप उसने स्थानीय समितियों के गठन और उनके कामकाज को लेकर संशोधित निर्देश जारी किया है। यह निर्देश अधिक आय आकलन को लेकर करदाताओं की शिकायतों के समाधान के लिये दिया गया है।
बयान के अनुसार, ‘‘इस निर्देश में वैसे मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उपयुक्त प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने की बात कही गयी है, जहां स्थानीय समिति यह मानती है कि आय का आकलन बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। या जहां न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया अथवा आकलन अधिकारी/ इकाई ने लापरवाही बरती।’’
ऐसे मामलों से निपटने वाली समिति में प्रधान आयुक्त स्तर के तीन अधिकारी होंगे। अन्य सदस्यों का चयन प्रधान आयुक्त (आयकर), प्रधान आयकर आयुक्त (केंद्रीय) या संबंधित क्षेत्र के न्यायिक या लेखा अधिकारियों में किया जा सकता है।
बयान के अनुसार, स्थानीय समिति शिकायतों से जुड़े आवेदनों का निपटान दो महीने के भीतर करने का प्रयास करेगी।
भाषा रमण अजय
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