(राजेश राय)
अबू धाबी, 28 फरवरी (भाषा) भारत ने बुधवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की पूरी तरह सक्रिय विवाद निपटान प्रणाली को बहाल करना शीर्ष प्राथमिकता है।
डब्ल्यूटीओ के शीर्ष निकाय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की यहां चल रही 13वीं बैठक में विवाद निपटान व्यवस्था में सुधार पर आयोजित सत्र में भारत ने इस मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित किया।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एक उच्च स्तरीय दल के साथ 26 फरवरी से शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
विवाद निपटान प्रणाली का अपीलीय निकाय दिसंबर, 2019 से ही निष्क्रिय बना हुआ है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका ने इसके सदस्यों या न्यायाधीशों की नियुक्ति की राह में रोड़े अटका दिए थे। इससे डब्ल्यूटीओ की समग्र विश्वसनीयता और नियम-आधारित व्यापार व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘भारत ने डब्ल्यूटीओ में कुछ सदस्यों के बीच चल रहे अनौपचारिक विवाद निपटान सुधार चर्चाओं को प्रभावी ढंग से औपचारिक बनाने के साथ-साथ किसी भी सुधार प्रक्रिया में अपीलीय निकाय की बहाली को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का पुरजोर समर्थन किया।’
डब्ल्यूटीओ के सदस्य विवाद निपटान प्रणाली में सुधार पर चर्चा कर रहे हैं। इसे जिनेवा स्थित 166-सदस्यीय वैश्विक व्यापार निगरानी संस्था के ‘मुकुट में जड़ा नगीना’ बताया जाता है।
भारत चाहता है कि इस ‘अनौपचारिक’ चर्चा को औपचारिक रूप दिया जाए। दरअसल अनौपचारिक चर्चा कई देशों के लिए वार्ता में भाग लेने में बाधा उत्पन्न कर रही है और ऐसी चर्चाओं ने विकासशील देशों के लिए प्रभावी ढंग से शिरकत को बेहद मुश्किल बना दिया है।
बयान के मुताबिक, “भारत ने अपनी दीर्घकालिक स्थिति को दोहराया कि एक भरोसेमंद डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान प्रणाली एक न्यायसंगत, प्रभावी, सुरक्षित और पूर्वानुमानित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का आधार है।”
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी सुधार प्रक्रिया के नतीजे में अपीलीय निकाय की बहाली का प्रावधान होना चाहिए, जो भारत के लिए ‘सर्वोच्च’ प्राथमिकता बनी हुई है।
भारत ने सदस्यों के लिए तीन सूत्री कार्य-योजना प्रस्तावित की जिसमें सदस्यों को किसी भी स्तर पर नए प्रस्ताव लाने का अवसर देना शामिल था।
डब्ल्यूटीओ वैश्विक निर्यात और आयात की निगरानी के अलावा सदस्य देशों के बीच व्यापार विवादों का निपटारा भी करता है। इसका विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) संगठन की महत्वपूर्ण इकाइयों में से एक है।
भाषा
प्रेम रमण
रमण
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