मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘प्रीपेड भुगतान उपकरणों’ (पीपीआई) से संबंधित कुछ मानदंडों का पालन न करने के लिए फोन-पे लिमिटेड पर 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अक्टूबर 2023 से दिसंबर 2024 की अवधि के लिए कंपनी के संचालन के संदर्भ में कंपनी का वैधानिक निरीक्षण किया गया था।
रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर फोन-पे को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि उक्त निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर कंपनी के जवाब, उसके द्वारा दिए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए मौखिक जानकारी पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक ने पाया कि कंपनी के खिलाफ आरोप सही थे, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित था।
कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी के एस्क्रो खाते में दिन के अंत में शेष राशि बकाया प्रीपेड भुगतान उत्पादों (पीपीआई) और कुछ दिनों में व्यापारियों को देय भुगतानों के मूल्य से कम थी, और कंपनी ने उक्त एस्क्रो खाते में कमी की सूचना तुरंत आरबीआई को नहीं दी।’’
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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