मुंबई, सात मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल के वर्षों में डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से ओटीपी और सीवीवी जैसी गोपनीय बैंकिंग जानकारियां किसी के साथ भी साझा नहीं करने को कहा है।
आरबीआई ने सोमवार को बैंकिंग धोखाधड़ी पर एक पुस्तिका जारी करते हुए कहा कि धोखेबाज आम लोगों की मेहनत से कमाये पैसे को उड़ाने के नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। लिहाजा लोगों को खासी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके मुताबिक, वित्तीय प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी का हिस्सा बनने वाले नए लोग इस जालसाजी की गिरफ्त में जल्दी आ जाते हैं।
जनहित में जारी रिजर्व बैंक की पुस्तिका में वित्तीय धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तौर-तरीकों का ब्योरा देने के साथ ही उनसे बचने के तरीके भी सुझाए गए हैं। इसके मुताबिक, लोग कभी भी वित्तीय लेनदेन के दौरान ओटीपी और सीवीवी की जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
केंद्रीय बैंक ने धोखाधड़ी की शिकायतों के विश्लेषण के आधार पर तैयार इस पुस्तिका में कहा है कि जाने-अनजाने में अपने लेनदेन के दौरान गोपनीय जानकारी देने से लोग आसानी से वित्तीय धोखाधड़ी की चपेट में आ जाते हैं।
इससे बचने के लिए जरूरी है कि लोग किसी को भी अपने बैंक कार्ड का सीवीवी या डिजिटल लेनदेन के समय जारी होने वाले ओटीपी की जानकारी अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों तक से भी साझा नहीं करने का सुझाव दिया है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, बैंक अधिकारी, वित्तीय संस्थान, आरबीआई या दूसरे निकाय कभी भी अपने ग्राहकों से गोपनीय जानकारियां नहीं मांगते हैं और अगर कोई ऐसा करता है तो लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए।
भाषा प्रेम अजय
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