नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात की मार से बचाने के लिए चीन से एल्युमीनियम फॉयल के आयात पर पांच साल तक डंपिंग रोधी शुल्क जारी रखने की सिफारिश की है। इसका इस्तेमाल खाद्य सामग्री समेत फार्मा क्षेत्र में किया जाता है।
मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने एक अधिसूचना में कहा कि चीन से एल्युमीनियम फॉयल की डंपिंग लगातार जारी है और यह शुल्क समाप्त किए जाने की स्थिति में सस्ता आयातित उत्पाद भारतीय बाजार में आ सकता है।
डीजीटीआर ने कहा, ‘‘इस स्थिति को देखते महानिदेशालय ने एल्युमीनियम फॉयल पर शुल्क जारी रखने की सिफारिश की हैं…… ताकि घरेलू उद्योग को किसी भी क्षति से बचाया जा सके।’’
डीजीटीआर ने एल्युमीनियम फॉयल पर 469 से 1,106 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है। वित्त मंत्रालय ने इससे पहले मई, 2017 में एल्युमीनियम फॉयल पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया था।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, रविराज फॉयल, जिंदल इंडिया ने संयुक्त रूप से डीजीटीआर के समक्ष एल्युमीनियम फॉयल के सस्ते अयात को लेकर शिकायत की थी। इन कंपनियों ने चीन से आयातित ‘एल्युमीनियम फॉयल 5.5 माइक्रोन से 80 माइक्रोन’ की जांच शुरू करने के लिए आवेदन किया था।
वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुसार, घरेलू निर्माताओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए देश आयातित उत्पादों पर डोपिंग रोधी शुल्क लगा सकते हैं।
भाषा जतिन अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.