नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सहकारी बैंकों को आवास ऋण मानदंडों में ढील देने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले से लोगों को सस्ता घर उपलब्ध कराने के सरकार के लक्ष्य को गति मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए कई उपायों की घोषणा की और ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक अचल संपत्ति और आवासीय क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति दी।
ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) को वाणिज्यिक अचल संपत्ति और आवास क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति के रिजर्व बैंक के फैसले का जिक्र करते हुए, शाह ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ हमारे ग्रामीण सहकारी बैंकों का दायरा और बढ़ जाएगा।’’
शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘इसके साथ ही लोगों को सस्ता घर देने के प्रयास को भी गति मिलेगी।’’
अन्य प्रमुख फैसलों में रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को दोगुना तथा ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए आवास ऋण की सीमा को दोगुना से भी अधिक कर दिया है।
उन्होंने कहा कि टियर -1 शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि टियर -2 यूसीबी के लिए 70 लाख रुपये की सीमा को 1.40 करोड़ रुपये और आरसीबी की सीमा इन टियर वन एवं टियर टू शहरों के लिए क्रमश: 20 लाख रुपये रुपये और 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और 75 लाख रुपये की गई है।
मंत्री ने कहा कि तीसरे निर्णय में रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को घर-घर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले से सहकारी बैंकों को प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र में समान अवसर मिलेगा और वे अन्य बैंकों की तरह ग्राहकों को घर पर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे।’’
शाह ने यह भी उल्लेख किया कि सहकारी क्षेत्र में देश के किसानों, कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और सशक्तीकरण की अपार संभावनाएं हैं।
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सहकार से समृद्धि के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।’’
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