मुंबई, 16 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने अहमदाबाद स्थित ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया है क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि गुजरात सहकारी समितियों के पंजीयक को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से केवल पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि पर बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
रिजर्व बैंक ने आगे कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.51 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
31 मार्च, 2024 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के जमाकर्ताओं को 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।
सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कुछ आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक का जारी रहना जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है। अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।’’
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि यदि बैंक को अपना बैंकिंग कारोबार आगे भी जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
लाइसेंस रद्द होने के बाद, सहकारी बैंक बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को कारोबार बंद होने से बैंकिंग व्यवसाय कारोबार बंद कर देगा।
बैंकिंग कारोबार में अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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