नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से कहा है कि वे परिचालन बढ़ाने के बाद अनुषंगी कंपनियों में अपने निवेश के मौद्रीकरण लिए उन्हें एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने पर विचार करें। इससे उन्हें अपने निवेश पर अच्छा प्रतिफल मिल सकेगा।
सूत्रों ने कहा कि मध्यम से दीर्घावधि में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) या विनिवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लगभग 15 अनुषंगी कंपनियां या संयुक्त उद्यम तैयार हैं।
सूत्रों ने कहा कि जहां भी आवश्यक हो बैंकों को अपनी अनुषंगी कंपनियों या संयुक्त उद्यम के परिचालन को बढ़ाने के लिए निवेश करना चाहिए और सही समय पर इस निवेश का मूल्य निकालने का प्रयास करना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि मौद्रीकरण से पहले बैंकों को कामकाज के संचालन, पेशेवर निर्णय की प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए। इससे उनकी अनुषंगी कंपनियों की परिचालन दक्षता में सुधार होगा।
उदाहरण के लिए, देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भविष्य में परिचालन बढ़ाने के बाद एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई पेमेंट सर्विसेज को सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकता है। 24 फरवरी, 2009 को गठित एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने मार्च, 2025 को समाप्त वित्त में 509 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। एसबीआई की साधारण बीमा इकाई ने मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 10 रुपये मूल्य के 3,71,693 इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं। इसके बाद एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में एसबीआई की हिस्सेदारी 69.11 प्रतिशत से घटकर 68.99 प्रतिशत रह गई है।
एसबीआई पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का 74 प्रतिशत स्वामित्व एसबीआई के पास है और बाकी हिस्सेदारी हिताची पेमेंट सर्विसेज के पास है।
इस बीच, केनरा बैंक ने अपने संपत्ति प्रबंधन संयुक्त उद्यम केनरा रोबेको एएमसी की लिस्टिंग की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। इसके अलावा, यह अपने जीवन बीमा संयुक्त उद्यम केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सूचीबद्ध करने की भी योजना बना रहा है। केनरा बैंक ने अपने जीवन बीमा उद्यम केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 14.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को पहले ही मंजूरी दे दी है।
भाषा अजय अजय
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