नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) सरकार उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को लेकर नीति और ई-कॉमर्स नियमों को समान स्तर पर लाने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक बार ई-कॉमर्स नीति को अंतिम रूप दे दिए जाने के बाद इसे लोगों के विचारों के लिए सार्वजनिक पटल पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में बातचीत अंतिम चरण में है।
सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स नियमों को सुसंगत बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। ऐसा करते समय हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि नियामक या किसी अन्य तरीके से ऐसे नियम बनाए जाएं कि उपभोक्ता ही राजा है।’
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स नियम दोनों को एक ही धरातल पर लाया जाएगा। इन्हें एक दूसरे के अनुरूप बनाने का विचार है और हम उस पर काम कर रहे हैं।’
डिजिटल कारोबार के लिए सरकार द्वारा प्रवर्तित मुक्त नेटवर्क ओएनडीसी के बारे में सचिव ने कहा कि यह देश में ई-कॉमर्स क्षेत्र को लोकतांत्रिक बनाने में मदद करेगा।
हालांकि उन्होंने कहा कि नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए ‘न तो वित्तपोषण और न ही विशेष नीति’ होगी।
सिंह ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियां ओएनडीसी नेटवर्क का हिस्सा बनें।’
ओएनडीसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी टी कोशी ने कहा कि इस नेटवर्क पर शिकायत निवारण के लिए एक ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि अभी तक ओएनडीसी में 46 नेटवर्क प्रतिभागी हैं और इस साल यह संख्या दोगुनी हो जाने की उम्मीद है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.