scorecardresearch
Sunday, 31 August, 2025
होमदेशअर्थजगतनिजी पूंजीगत व्यय 21.5 फीसदी बढ़कर 2.67 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना: आरबीआई लेख

निजी पूंजीगत व्यय 21.5 फीसदी बढ़कर 2.67 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना: आरबीआई लेख

Text Size:

मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) मजबूत घरेलू आर्थिक स्थिति और ब्याज दरों में एक प्रतिशत की कटौती से वित्त वर्ष 2025-26 में निजी क्षेत्र का पूंजी निवेश 21.5 प्रतिशत बढ़कर 2.67 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अगस्त बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही गई।

‘निजी कॉरपोरेट निवेश: 2024-25 में वृद्धि एवं 2025-26 के लिए संभावनाएं’ शीर्षक वाले इस लेख में कहा गया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत मजबूत बहीखाते, बेहतर नकदी भंडार, बढ़ी हुई लाभप्रदता और वित्तपोषण के विविध स्रोतों तक बेहतर पहुंच के साथ की है।

लेख में यह भी बताया गया कि सरकार की ओर से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने वाली नीतियां, लगातार घटती महंगाई, कम ब्याज दरें, बाजार में पर्याप्त नकदी की उपलब्धता और उद्योगों द्वारा क्षमता उपयोग में वृद्धि जैसे कारक देश में निजी निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं।

यह लेख निजी कंपनियों द्वारा घोषित पूंजीगत व्यय योजनाओं के चरणबद्ध आंकड़ों का विश्लेषण करता है, जिससे उनके निवेश इरादों का आकलन और निकट भविष्य की संभावनाओं की झलक मिलती है।

बुनियादी ढांचा क्षेत्र अब भी सबसे अधिक पूंजी निवेश आकर्षित कर रहा है, जिसमें सबसे अहम भूमिका ‘ऊर्जा क्षेत्र’ निभा रहा है।

यह लेख स्निग्धा योगिन्द्रन, सुक्ति खांडेकर, राजेश बी कावेदिया और आलोक घोष ने लिखा है, जो सभी आरबीआई के सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग से हैं।

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments