मुंबई, 31 मार्च (भाषा) प्रिंट मीडिया क्षेत्र का कारोबार अगले वित्त वर्ष में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 27,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निचले आधार प्रभाव और बढ़ते विज्ञापनों के बीच सदस्यता आमदनी बढ़ने से क्षेत्र के कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। हालांकि, अखबारी कागज की बढ़ती कीमतें इस क्षेत्र के लिए परिचालन मुनाफे में तीन से साढ़े तीन प्रतिशत की कमी ला सकती हैं।
बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ विज्ञापन से होने वाली आय में सुधार होगा। कार्यालयों को फिर से खोलने और कार्यालयों वापस लौटने वाले लोगों के साथ व्यापक सहसंबंध के कारण सदस्यता आय भी बढ़ेगी।
प्रिंट उद्योग की आय वित्त वर्ष 2020-21 के 18,600 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर अगले वित्त वर्ष में 27,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। लेकिन यह महामारी-पूर्व के 32,000 करोड़ रुपये के आंकड़े से कम होगा। इसके अलावा अखबारी कागज की बढ़ती कीमतों से परिचालन आय में तीन से साढ़े तीन प्रतिशत की कमी हो सकती है। यह रिपोर्ट उन कंपनियों से मिली सूचना के आधार पर तैयार की गई हो जिनका उद्योग की 40 प्रतिशत आय पर नियंत्रण है।
प्रिंट मीडिया संस्थानों की परिचालन लागत का 30-35 प्रतिशत हिस्सा अखबारी कागज का होता है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि हालांकि, पढ़ने के तरीके में आये बदलाव के तहत डिजिटल मीडिया को वरीयता मिलने की वजह से अखबारों की सदस्यता महामारी-पूर्व के स्तर से कम रहेगी।
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