नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) सरकार की 75 वाहन कलपुर्जा कंपनियों को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत समर्थन को लेकर दी गयी मंजूरी परंपरागत उद्योग को गतिशील उद्योग बनाने में उत्प्रेरक का काम करेगी। उद्योग संगठन ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) ने मंगलवार को यह बात कही।
एसीएमए ने बयान में कहा कि पीएलआई के तहत प्रोत्साहन को लेकर वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली 92 कंपनियों ने आवेदन किये थे। इसमें से 75 कंपनियों को पांच साल के लिये प्रोत्साहन को लेकर मंजूरी दी गयी है।
सरकार ने कहा कि वाहन और वाहनों के उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिये पीएलआई योजना सफल रही है। इससे पांच साल से अधिक समय में 42,500 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य की तुलना में 74,850 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आये हैं।
कुल 25,938 करोड़ रुपये के व्यय वाली योजना वित्त वर्ष 2022-23 से शुरू हो रही है।
एसीएमए के अध्यक्ष संजय जे कपूर ने एक बयान में कहा, ‘‘आज की घोषणा ने वास्तव में पूरे उद्योग को उत्साहित किया है। यह एक पारंपरिक उद्योग से एक गतिशील उद्योग में बदलाव को लेकर उत्प्रेरक साबित होगा।’’
उन्होंने सरकार का इस योजना से लाभान्वित होने वाली कंपनियों के चयन में उदारता के लिये आभार जताया। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सरकार की तरफ से घोषित नीतिगत उपायों से देश में वाहन से संबद्ध आपूर्ति श्रृंखला में तकनीकी उत्कृष्टता का एक नया प्रतिमान तैयार होगा। इससे कंपनियां विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी हो सकेंगी।
हाल में घोषित योजनाओं में फेम-दो योजना का विस्तार, एसीसी बैटरी के लिये पीएलआई योजना तथा बैटरी अदला-बदली व्यवस्था को लेकर नीतिगत पहल शामिल हैं।
एसीएमए ने कहा कि कुल 115 कंपनियों (वाहन और वाहनों के उपकरण बनाने वाली इकाइयां) ने आवेदन दिये थे। इनमें से 20 को फरवरी, 2022 में ही प्रोत्साहन को लेकर मंजूरी दी जा चुकी है।
भाषा
रमण अजय
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