नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) त्योहारी मौसम में सृजित होने वाले अस्थायी रोजगार में लगे प्रत्येक तीन में से दो व्यक्ति इन अस्थायी नौकरियों को सिर्फ अतिरिक्त आय का साधन नहीं बल्कि पूर्णकालिक रोजगार के एक अवसर के रूप में भी देखते हैं। यह जानकारी इनडीड की एक रिपोर्ट ने दी है।
नौकरी तलाश एवं भर्ती के ऑनलाइन मंच इनडीड ने अप्रैल से सितंबर, 2025 के बीच किए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी की तलाश में लगे दो-तिहाई लोग सक्रिय रूप से पूर्णकालिक रोजगार की तलाश में हैं और वे त्योहारी मौसम में पैदा होने वाले अस्थायी रोजगार को टिकाऊ करियर के संभावित प्रवेश-द्वार के रूप में ही देखते हैं।
हालांकि, नियोक्ताओं और कर्मचारियों की सोच के बीच अंतर दिख रहा है। सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि तीन में से चार त्योहारी भर्तियां अस्थायी अनुबंध पर ही होती हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में सात प्रतिशत अधिक है।
नौकरी की तलाश में लगे करीब 69 प्रतिशत लोगों ने वित्तीय स्थिरता और नियमित वेतन को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया जबकि 37 प्रतिशत ने भविष्य निधि जैसे दीर्घकालिक लाभ में रुचि दिखाई।
केवल सात प्रतिशत लोगों को ही असल में त्योहारी बोनस की परवाह थी और सिर्फ पांच प्रतिशत ने भुगतान के साथ अवकाश को अहमियत दी।
हालांकि, एक खास बात यह रही कि 43 प्रतिशत नियोक्ता पिछले साल की तुलना में अधिक सक्रिय रूप से भर्ती कर रहे हैं। इनमें ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक, खुदरा और आतिथ्य क्षेत्र शामिल हैं।
इनडीड हायरिंग ट्रैकर रिपोर्ट कहती है, “कई कर्मचारी अब उम्मीद करते हैं कि ये अस्थायी नौकरियां लंबी अवधि के करियर के दरवाजे खोलेंगी। और ऐसा नहीं दिखने पर वे उस काम को छोड़ देते हैं। यही कारण है कि खुदरा, आतिथ्य और यात्रा जैसे क्षेत्रों में त्योहारी भर्तियों की मांग बढ़ने के बावजूद जल्द नौकरी छोड़ने की समस्या बढ़ रही है।”
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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