नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) संसद की एक समिति ने मंगलवार को सरकार से ई-दाखिल मंच के तहत उपभोक्ता मामलों के समाधान की दर में सुधार और लंबित मामलों को कम करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया।
संसद में पेश की गई एक कार्रवाई रिपोर्ट में, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण पर संसद की स्थायी समिति की अध्यक्ष कनिमोई करुणानिधि ने कहा कि उन्नत ई-जागृति प्रणाली के उन्नयन से मामलों के प्रबंधन और निगरानी के लिए बेहतर उपकरण उपलब्ध होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हालांकि, समिति मंच पर पंजीकृत मामलों के 23 प्रतिशत की लगातार कम समाधान दर को लेकर चिंतित है।’’
सरकार ने लंबित मामलों को दूर करने या मामलों के समाधान में तेजी लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी है।
समिति ने सरकार के ई-दाखिल मंच की सराहना की, जो मुख्य रूप से उपभोक्ताओं के लिए शिकायत दर्ज करने को एक सुविधाजनक और सुलभ ऑनलाइन पोर्टल के रूप में कार्य करता है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से शिकायत दर्ज करने की आवश्यकता कम हो जाती है और प्रारंभिक शिकायत प्रक्रिया आसान हो जाती है।
हालांकि, सरकार ने प्रदर्शन मानकों पर नज़र रखने, समयसीमा का अनुपालन सुनिश्चित करने और शिकायत निवारण प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं की सक्रिय रूप से पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए एक समर्पित निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना संबंधी समिति की प्रमुख सिफ़ारिश पर ध्यान नहीं दिया है।
समिति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अकेले डिजिटलीकरण, शिकायत दर्ज करने में आसानी के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ, उपभोक्ताओं को समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए मज़बूत निगरानी और प्रशासनिक उपायों द्वारा भी पूरक होना चाहिए।
समिति ने आगे कहा, ‘‘इसलिए, समिति एक समर्पित निगरानी तंत्र के लिए अपनी मूल सिफ़ारिश दोहराती है और विभाग से मामलों के समाधान की दर में सुधार और लंबित मामलों को कम करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने का आग्रह करती है।’’
समिति ने ‘कॉनफोनेट’ पहल के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं की स्थापना में देरी और ‘जीईएम’ के तहत भुगतान जारी करने की शर्तों के कारण धन के कम उपयोग के संबंध में सरकार के स्पष्टीकरण को स्वीकार किया।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हालांकि, समिति को जवाब अपर्याप्त लगा और उठाए गए मूल मुद्दों के समाधान के लिए ठोस उपायों का अभाव था।’’ साथ ही, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि निर्धारित समयसीमा तक 45 स्थानों पर वी.सी. सुविधाएं स्थापित करने के लक्ष्य को पूरा न कर पाना, और केवल छह स्थापनाएं पूरी होना, परियोजना प्रबंधन और कार्यान्वयन में गंभीर कमियों को उजागर करता है।
समिति ने एक बार फिर अपनी पिछली सिफ़ारिश दोहराई और सरकार से सामान्य आश्वासनों से आगे बढ़कर लंबित स्थापनाओं को पूरा करने और पीएमयू की स्थापना के लिए स्पष्ट समयसीमा के साथ एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने का आग्रह किया।
भाषा राजेश राजेश अजय
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