scorecardresearch
Tuesday, 24 September, 2024
होमदेशअर्थजगतश्रेई समूह में अव्यवस्था के पीछे महामारी, नकदी प्रवाह जैसे मुद्देः कनोरिया

श्रेई समूह में अव्यवस्था के पीछे महामारी, नकदी प्रवाह जैसे मुद्देः कनोरिया

Text Size:

कोलकाता, 30 जनवरी (भाषा) देश में 1989 में अवसंरचना के क्षेत्र में वित्तपोषण को आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले उद्यमी हेमंत कनोरिया ने कहा है कि श्रेई समूह में इस समय व्याप्त अव्यवस्था के पीछे महामारी और नकदी प्रवाह जैसे कारण रहे हैं।

तमाम परेशानियों से घिरे कनोरिया ने कहा कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रेई समूह को नए नियामक नियमों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ और समय दिया होता तो समूह की आज जैसी हालत नहीं होती। उन्होंने कहा कि नए नियामक नियम बैंकों और अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के लिए तो उपयुक्त होते हैं लेकिन एक अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी के लिए नहीं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वैसे मुझे कोई अफसोस नहीं है, बल्कि मुझे खुशी है कि मैंने दुनिया के इस हिस्से में अवसंरचना वित्तपोषण को दिशा दिखाई। तीन दशक में 150 करोड़ रुपये के उद्योग से आज 50,000 करोड़ रुपये के उद्योग तक का सफर तय किया।’’

कनोरिया ने 4 अक्टूबर, 2021 के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत की। उस समय रिजर्व बैंक ने श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एसईएफएल) के निदेशक मंडल को कंपनी संचालन संबंधी चिंताओं और भुगतान चूक का हवाला देते हुए भंग कर दिया था। उसी हफ्ते बाद में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) कोलकाता ने श्रेई ग्रुप की दो कंपनियों के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया।

समूह की दोनों कंपनियों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का करीब 32,000 करोड़ रुपये का बकाया है।

भाषा मानसी प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments