लंदन: गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ‘ऑक्सफैम’ ने सोमवार को तमाम सरकारों से दुनिया के अरबपतियों पर एकमुश्त 99 प्रतिशत कर लगाने और उस धन का इस्तेमाल गरीबों के लिए व्यापक तौर पर कोविड-19 रोधी टीकों का निर्माण के लिए करने की अपील की.
‘ऑक्सफैम’ के मुताबिक, उसने वैश्विक असमानता से निपटने के प्रयास के तहत ऐसा करने का आग्रह किया है जो कोरोना वायरस के कारण और बढ़ गई है.
‘ऑक्सफैम’ ने इस सप्ताह विश्व आर्थिक मंच की राजनीतिक और व्यावसायिक नेताओं की ऑनलाइन बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान पर्याप्त वित्तीय संसाधन के कारण अमीरों को फायदा हुआ है. वहीं, गरीब देशों को, उन तक टीकों की असमान पहुंच के कारण कोविड-19 के दौरान नुकसान झेलना पड़ा, जो (टीके) अधिकतर अमीर देशों को मिले.
‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुशेर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘वैश्विक महामारी अरबपतियों के लिए अप्रत्याशित रूप से लाभदायक साबित हुई है. जब सरकारों ने बचाव पैकेज की घोषणा की और सभी के लिए अर्थव्यवस्था बेहतर करने के वास्ते अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों में खरबों लगाए गए तब उससे हुआ पूरा फायदा अरबपतियों को मिला.’
बुशेर ने कहा कि टीका निर्माण वैश्विक महामारी की सफलता की कहानियों में से एक है लेकिन ‘अमीर देशों ने टीकों की जमाखोरी की है’, जो ‘फार्मास्युटिकल’ एकाधिकार सुरक्षित रखना चाहते हैं.
समूह ने कहा कि 10 सबसे धनी लोगों पर एकमुश्त 99 प्रतिशत कर लगाने से 800 अरब डॉलर मिल सकते हैं और इसका इस्तेमाल कई सामाजिक कार्यों के लिए किया जा सकता है.
बुशेर ने कहा कि इस पैसे से ‘पूरी दुनिया के लिए टीकों का भुगतान सक्षम होगा, सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी.’
उन्होंने कहा, ‘हम जलवायु परिवर्तन के नुकसान की भरपाई करने में भी सक्षम होंगे और ऐसी नीतियां बना पाएंगे जो लिंग आधारित हिंसा से निपटने में कारगर हों.’
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