नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) के प्रबंध निदेशक आलोक गुप्ता ने कहा है कि रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के कारण सखालिन-1 परियोजना से तेल की आवाजाही बाधित हो रही है।
ओवीएल सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की विदेशी निवेश इकाई है।
सखालिन-1 में ओवीएल की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जहां एक्सॉनमोबिल की रूसी अनुषंगी कंपनी परिचालक है। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद एक्सॉन ने परियोजना से बाहर निकलने की घोषणा की है।
रूस के ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सखालिन-1 ने जनवरी और फरवरी, 2022 में प्रतिदिन लगभग 2,71,000 बैरल तेल का उत्पादन किया था।
गुप्ता ने ओएनजीसी के वित्तीय नतीजों के बाद एक निवेशक वार्ता में कहा, ‘‘सखालिन-1 के मामले में अप्रत्याशित घटना के कारण अस्थायी व्यवधान हैं… यह स्थिति अगले दो-तीन हफ्तों में सामान्य हो जाएगी, क्योंकि हम वैकल्पिक उपायों का पता लगा रहे हैं।’’
उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि किन विकल्पों पर विचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि कंपनी को इस साल मार्च तक लाभांश के रूप में पूरी राशि मिली है। अगला लाभांश जुलाई में देय है और कंपनी अपने भागीदारों के साथ बात कर रही है कि इसका भुगतान किस तरह किया जाएगा।
गुप्ता ने कहा, ‘‘रूसी कच्चा तेल छूट पर बिक रहा है। कच्चा तेल बाहर निकालने में सक्षम नहीं होने की मौजूदा स्थिति के कारण हम सखालिन से कच्चे तेल की बिक्री नहीं कर पा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि रूस में ओवीएल की अन्य परियोजनाओं में कोई समस्या नहीं है।
भाषा पाण्डेय अजय
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