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सोमवार, 12 मई, 2025
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ओटीसी 2025 : भारत ने अपतटीय ऊर्जा निवेश के अवसरों की झलक दिखाई

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(सीमा हाकू काचरू)

ह्यूस्टन (अमेरिका), नौ मई (भाषा) भारत का अपतटीय ऊर्जा क्षेत्र 55वें वार्षिक अपतटीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (ओटीसी) 2025 का केंद्र बिंदु रहा। देश ने समृद्ध भूवैज्ञानिक डेटा की उपलब्धता तथा भारत को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनियों के लिए एक आकर्षक साझेदार बनाने के लिए तैयार किए गए नियामक ढांचे का यहां उल्लेख किया।

‘ओटीसी 2025 सम्मेलन’ में अपतटीय ऊर्जा के भविष्य के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए 107 देशों के 30,000 से अधिक पेशेवर शामिल हुए। इसमें अपतटीय अन्वेषण व उत्पादन (ईएंडपी) में वैश्विक नेता बनने के लिए भारत के रणनीतिक प्रयास को रेखांकित किया गया।

डीजीएच की महानिदेशक पल्लवी जैन गोविल ने भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और ‘अराउंड द वर्ल्ड सीरीज’ सत्र में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने देश के ऊर्जा सुधारों और अपतटीय क्षेत्र में निवेश गंतव्य के रूप में इसकी बढ़ती भूमिका के बारे में बताया।

गोविल ने ओएएलपी-एक्स के अंतर्गत नए अन्वेषण ब्लॉक के खुलने, समृद्ध भूवैज्ञानिक डेटा की उपलब्धता तथा भारत को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनियों के लिए आकर्षक साझेदार बनाने के वास्ते तैयार किए गए नियामक ढांचे पर भी प्रकाश डाला।

सम्मेलन में आईआईटी मद्रास के श्रीधर कृष्णमूर्ति भी शामिल हुए, जिन्हें ‘ओटीसी 2025 उभरते नेता’ के रूप में सम्मानित किया गया। यह पहली बार है जब किसी भारतीय शिक्षाविद को विदेश में इंजीनियरिंग में योगदान के लिए वैश्विक स्तर पर सराहा गया है।

ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्यदूत डीसी मंजूनाथ ने अपतटीय क्षेत्र में अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया तथा भारत के स्थिर नीतिगत माहौल और ऊर्जा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

मौजूदा विनियामक सुधारों, विशाल प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच व निवेश के लिए स्पष्ट खाके के साथ, भारत अपतटीय विकास और वैश्विक ऊर्जा नेतृत्व के एक नए युग के लिए तैयार है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संयुक्त सचिव (अन्वेषण) विनोद शेषन ने विदेशी निवेश के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने के उद्देश्य से भारत के संशोधन नवीनतम विनियामक पर चर्चा की।

ऑयल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (संचालन) त्रिलुक्य बोरगोहिन ने गहरे पानी और सीमांत बेसिन अन्वेषण में भारत की क्षमता पर जोर दिया।

ओटीसी 2025 में लगभग 1,300 कंपनियों ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया। इस सम्मेलन से स्थानीय ह्यूस्टन अर्थव्यवस्था में लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान होने की उम्मीद है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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