छत्रपति संभाजीनगर, नौ जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के किसानों को इस साल खरीफ मौसम के लिए बैंकों से 670.55 करोड़ रुपये का कर्ज मिला है, जबकि निर्धारित लक्ष्य 1,596.63 करोड़ रुपये का था। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह वांछित लक्ष्य का केवल 42 प्रतिशत हिस्सा है।
भारत में खरीफ सत्र जून में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है। खरीफ फसलों, जिन्हें मानसूनी फसलें भी कहा जाता है, की बुवाई पहली बारिश के साथ शुरू होती है। सत्र के दौरान होने वाली कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को ऋण का वितरण अप्रैल के आसपास शुरू होता है और आमतौर पर अगस्त से पहले समाप्त हो जाता है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘वर्ष 2025 के खरीफ सत्र के लिए बैंकों को जिले के 1.54 लाख किसानों को 1,596.63 करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन अबतक 670.55 करोड़ रुपये का कर्ज ही बांटा जा सका है। यह राशि तीन जुलाई के लिए तय लक्ष्य का महज 42 प्रतिशत है।’’
जिला प्रशासन ने ‘कर्ज लेने के लिए आवेदन जमा करें’ योजना शुरू की है, जिसके तहत बैंक कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी गांव-गांव जाकर मौके पर ही कर्ज वितरण की औपचारिकता पूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना से 6,405 किसानों को 59.30 करोड़ रुपये का कर्ज मिला है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संपर्क करने पर बताया, ‘‘किसान नए कर्ज लेने को लेकर उत्साहित नहीं हैं। सरकार से कर्ज माफी की उम्मीद में वे अपना पुराना कर्ज भी नहीं चुका रहे हैं। लेकिन नया कर्ज लेने के लिए पुराना कर्ज चुकाना जरूरी है।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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