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Friday, 22 November, 2024
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दिल्ली में प्याज का भाव 80 रुपये किलो तक पहुंचा, केंद्र ₹25 के भाव पर बेच रहा प्याज

अधिकारी ने कहा कि स्टॉक में रखी गई रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज की आवक में देर होने से आपूर्ति की स्थिति खराब है. इसकी वजह से थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं.

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नई दिल्ली: आपूर्ति कम होने से राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं.

दिल्ली-एनसीआर में लगभग 400 ‘सफल’ खुदरा स्टोर का संचालन करने वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रही है. वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट 67 रुपये प्रति किलो की दर से, जबकि ओटिपी 70 रुपये प्रति किलो की दर पर प्याज की बिक्री कर रहा है.

हालांकि स्थानीय स्तर पर सब्जी विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज बेच रहे हैं.

मदर डेयरी बुधवार को 54-56 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही थी और अब दरें बढ़कर 67 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं.

केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए शुक्रवार को खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बफर स्टॉक में रखे प्याज की बिक्री करने का फैसला किया.

उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक, शनिवार को प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 45 रुपये प्रति किलो रही लेकिन अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है. दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 75 रुपये प्रति किलोग्राम है.

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा था, ‘‘हम अगस्त के मध्य से बफर प्याज को बाजार में उतार रहे हैं. कीमतों में तेजी को रोकने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए हम इसकी खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं.’’

वहीं बेंगलुरु में थोक बाजार में प्याज की कीमत 5000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंची.

प्याज विक्रेता अल्ताफ ने बताया, “खुदरा बाजार में प्याज 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. अचानक से दामों में इजाफा हुआ है. माल कम आ रहा है. स्टॉक जितना कम आएगा दामों में उतना इज़ाफा होगा. 100 गाड़ी की जगह 50 गाड़ी आ रही है. पिछले सप्ताह प्याज 30 रुपए प्रति किलो था. इससे हमारे व्यापार पर भी असर पड़ता है. दाम बढ़ने से व्यापार कम होता है कम दाम में व्यापार ज्यादा होता है.”

मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में प्याज कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज उतारा जा रहा है.

अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर लगभग 1.7 लाख टन प्याज बफर स्टॉक से भेजा गया है. इस प्याज को खुदरा बाजारों में दो सहकारी निकायों एनसीसीएफ और नेफेड के बिक्री केन्द्रों एवं वाहनों के जरिये 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बेचा जा रहा है.

दिल्ली में भी बफर प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुवाई में देरी होने से इस फसल का रकबा कम हुआ और आवक में देरी हुई है. ताजा ख़रीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

अधिकारी ने कहा कि स्टॉक में रखी गई रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज की आवक में देर होने से आपूर्ति की स्थिति खराब है. इसकी वजह से थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष के लिए बफर प्याज स्टॉक को दोगुना कर दिया है और इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में कीमतों पर अंकुश लगेगा.

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ‘एनसीसीएफ’ और ‘नेफेड’ के माध्यम से पांच लाख टन का बफर प्याज स्टॉक रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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