नयी दिल्ली/ शिवसागर, 13 जून (भाषा) सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ओएनजीसी ने असम के शिवसागर जिले में स्थित अपने एक कुएं से प्राकृतिक गैस के अनियंत्रित रिसाव को रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कंपनी (ओएनजीसी) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि आपदा प्रबंधन टीम इस कुएं से रिसाव पर काबू पाने के लिए उपकरण लगा रही है।
कंपनी ने कहा, ‘शिवसागर जिले में स्थित रुद्रसागर क्षेत्र में भोटियापार के पास कुआं संख्या 147ए से गैस के लगातार रिसाव को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं।’
इस कुएं की सर्विसिंग गतिविधियों के दौरान गैस का रिसाव देखा गया था। हालांकि इस दौरान कोई आग या चोट नहीं लगी।
गैस रिसाव की सूचना मिलते ही ओएनजीसी ने तत्काल मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू कर दिए। कुएं को तुरंत घेरे में ले लिया गया और संपत्ति प्रबंधक के नेतृत्व में आपातकालीन प्रतिक्रिया दल बिना किसी देरी के मौके पर पहुंच गया।
ओएनजीसी ने पहले कहा था कि उसे स्थिति ‘बहुत जल्द’ सामान्य हो जाने का भरोसा है।
इस बीच, घटना के मूल कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।
ओएनजीसी ने बयान में कहा कि आपदा प्रबंधन टीम काम कर रही है और कुएं को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक उपकरण लगा रही है। गैस की मौजूदगी को देखते हुए, स्थान पर केवल संबंधित परिचालन कर्मियों के प्रवेश की ही अनुमति है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह एक पुराना कच्चा कुआं है जहां फिलहाल उत्पादन नहीं हो रहा था। विस्फोट के समय कुएं में जोन स्थानांतरण के लिए छिद्र तैयार करने का कार्य चल रहा था, जिसके तुरंत बाद अचानक गैस का अनियंत्रित रिसाव शुरू हो गया और विस्फोट हो गया।
हालांकि आसपास के कुछ लोगों ने विस्फोट के बाद अपने घरों को अस्थायी रूप से छोड़ दिया है।
इस घटना के बाद लोगों को 2020 में तिनसुकिया जिले के बागजान में हुई भीषण औद्योगिक आपदा की याद सता रही है। उस समय ओएनजीसी के एक तेल कुएं में 173 दिनों तक अनियंत्रित रूप से गैस रिसती रही और उसमें आग लगने से तीन कर्मचारियों की जान चली गई थी।
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