नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य वैश्विक दक्षिण में शुरुआत करने के लिए ‘जबर्दस्त अवसर’ पेश करते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों की वृद्धि दर 11-12 प्रतिशत के बीच है।
उन्होंने पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं और व्यापार नेटवर्क में इसके ऐतिहासिक और ‘मौलिक’ महत्व को रेखांकित किया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (एमडीओएनईआर) मंत्री सिंधिया पूर्वोत्तर में संपर्क, बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से पहल कर रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र को भारत की अगली आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके और सभी आठ राज्यों को एकीकृत वृद्धि दृष्टिकोण में एकीकृत किया जा सके।
इसी सप्ताह केंद्रीय मंत्री ने इस महीने नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट-2025’ से पहले मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन सहित भारत के शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात की थी।
चर्चा में कृषि आधारित उद्योग, कपड़ा और पर्यटन सहित क्षेत्र-विशिष्ट वृद्धि क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
पीटीआई-भाषा को हाल ही में दिए साक्षात्कार में सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर ऐतिहासिक रूप से पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं और व्यापार का एक बहुत ही बुनियादी हिस्सा रहा है।
सिंधिया ने कहा, “पूर्वोत्तर के इतिहास को ध्यान में रखना जरूरी है…यहीं से ही माल और सेवाएं यूरोप तक जाती थीं। मेरा मानना है कि पूर्वोत्तर…जो पहले अंतिम राज्य होता था, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज प्रथम राज्य बन गया है।”
सिंधिया ने कहा कि समृद्ध प्राकृतिक और मानव संसाधनों से संपन्न पूर्वोत्तर में वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से तीन प्रतिशत से अधिक है, जिसमें आठों राज्य लगभग 11-12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह क्षेत्र पूरे ‘वैश्विक दक्षिण’ के लिए एक मजबूत ‘लॉन्च पैड’ (शुरुआत का केंद्र) के रूप में स्थापित है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र की जबरदस्त क्षमताओं को रेखांकित किया।
सिंधिया ने कहा, “इसलिए मुझे लगता है कि आज पूर्वोत्तर की क्षमता सर्वोपरि है। हमें इसे साकार करने और यह सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए कि हम उन्हें वह लॉन्च पैड दें।’’
भाषा अनुराग अजय
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