पटना, आठ जून (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को निवेशक सम्मेलन सह बिहार कपड़ा एवं चमड़ा नीति – 2022 का लोकार्पण करते हुए कहा कि नई नीति से बिहार में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को काफी लाभ होगा।
पटना के अधिवेशन भवन में निवेशक सम्मेलन सह बिहार कपड़ा एवं चमड़ा नीति का लोकार्पण करते हुए नीतीश ने कहा कि नई नीति के तहत संयंत्र एवं मशीनरी के लिए पूंजीगत निवेश पर लागत का 15 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक होगा।
इसके अलावा बिजली शुल्क का अनुदान दो रुपये प्रति यूनिट करने का निर्णय किया गया है। उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों को 5,000 रुपये प्रति माह की दर से पांच वर्षों के लिये अनुदान दिया जायेगा। निर्यात के लिये संबंधित इकाइयों को 30 प्रतिशत परिवहन सब्सिडी दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत पांच साल तक माल ढुलाई पर 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष अनुदान दिया जायेगा। अपने उत्पाद का पेटेंट कराने पर रजिस्ट्रेशन खर्च का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा, जो अधिकतम 10 लाख रुपये होगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार में तेजी से औद्योगिक विकास होगा। इस मौके पर उन्होंने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के काम की तारीफ भी की।
नीतीश ने कहा, ‘बिहार का गौरवशाली अतीत रहा है। इसे फिर से प्राप्त करने के लिए सभी मिलकर काम करें। बिहार को और आगे बढ़ाने में आप सभी मदद कीजिये।’
उन्होंने कहा, ‘हमलोग निवेशकों का पूरी तरह साथ देंगे और उनकी मदद करेंगे। सभी निवेशकों को भरोसा दिलाते हैं कि उद्योग लगाने में हर संभव मदद दी जायेगी और आपलोग जो सुझाव देंगे, उस पर विचार करेंगे। जमीन उपलब्ध कराने से लेकर पूंजी संबंधी मदद भी की जाएगी, ताकि बिहार में तेजी से उद्योग लग सके और लोगों को यहीं पर काम मिले।’
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में अनुसूचित जाति / जनजाति के लोगों को उद्योग लगाने में मदद के लिये पांच लाख रुपये तक की सहायता और पांच लाख रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया था। बाद में अतिपिछड़े वर्ग को और किसी भी समाज की महिलाओं को भी यह सुविधा दी जाने लगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में इथेनॉल के 17 संयंत्रों को मंजूरी मिल गयी है।
भाषा अनवर अर्पणा पाण्डेय
पाण्डेय
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