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शुक्रवार, 9 मई, 2025
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मोदी सरकार कृषि, पशुपालन, फूड प्रॉसेसिंग उद्योग के जरिए किसानों को बनाएगी आत्मनिर्भर: वित्तमंत्री

इसी कड़ी में शुक्रवार को​ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र,पशुपालन,मछली पालन,फूड प्रोसेसिंग उद्योग के क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण एलान किए.

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नई दिल्ली: कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था का उबारने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. इसे आत्मनिर्भर भारत नाम दिया गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को​ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र, पशुपालन, मछली पालन, फूड प्रॉसेसिंग उद्योग के क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण ऐलान किए. शुरुआती दो किस्त में वित्तमंत्री एमएसएमी सेक्टर और प्रवासी मजदूरों के लिए कई अहम ऐलान कर चुकी हैं.

वित्तमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अनाज, खाद्य तेलों, तिलहन, दालें, आलू-प्याज आदि को आवश्यक वस्तु कानून के दायरे से बाहर निकालने का निर्णय लिया है. इससे किसानों की आमदनी में बढोत्तरी होगी. वे अपना उत्पाद कहीं भी बेच सकेंगे. इसके अलावा वित्तमंत्री ने एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म्स में सुधार का ऐलान किया है. पहले किसानों को सिर्फ एपीएमसी को बेचना पड़ता था लेकिन अब यह मजबूरी खत्म हो गई है.

वित्तमंत्री ने किसानों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फार्म-गेट इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का ऐलान किया है. उन्होंने कहा किसान कई परेशानी के बावजूद अच्छा उत्पादन करता है लेकिन फसलों के ठीक ढंग से भंडारण नहीं होने के चलते किसानों को बहुत ही नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए केंद्र सरकार ने कोल्डस्टोरेज, फसल कटाई के बाद उसे देखरेख आदि के लिए 1 लाख करोड़ रुपए फंड तय करने जा रही है. इससे किसानों की भंडारण और मूल्य संवर्धन की समस्या खत्म हो जाएगी.

माइक्रो फूड एंट्ररप्राइजेज के फॉर्मलाइजेशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की योजना की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सूक्ष्म खाद्य उद्योग इकाइकायों में नई टेक्नोलॉजी लाने और उसकी ब्रैंडिग और मार्केटिंग करने के लिए 10 हजार करोड़ की योजना लाई गई है. इससे 2 लाख सूक्ष्म इकाइयों को फायदा मिलेगा. ये क्लस्टर आधारित योजना होगी. इसमें स्थानीय कंपनियों को सपोर्ट किया जाएगा. इसके बाद इनकी ब्रैंडिग की जाएगी. जैसे बिहार का मखाना, उत्तर प्रदेश के आम, केरल में रागी, पूर्वोत्तर के राज्यों में बांस, आंध्र प्रदेश में मिर्च, जम्मू कश्मीर के केसर जैसी खेती के लिए क्लस्टर बनाया जाएगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पीएम मतस्य योजना के तहत 20 करोड़ जारी किए जाएंगे. 11 हजार करोड़ रुपए समुद्री और अंतरदेशीय मत्स्यपालन, 9 हजार करोड़ रुपए कोल्ड चेन के लिए दिया जाएगा. इसके अलावा मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी. 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

वित्तमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा, 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना हम लेकर आए है. सभी पशुओं का 100 फीसदी टीकाकरण होगा. इसमें करीब 13,343 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे पशुओं को कई बीमारियों से मुक्ति मिलेगी. फूड प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी. दूध का भी उत्पादन बढ़ेगा. जनवरी 2020 तक 1.5 करोड़ गाय, भैंसों का टीकाकरण किया गया. ग्रीन जोन में यह काम जारी है. वहीं, एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डिलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, हर्बल खेती के प्रमोशन के लिए 4 हजार करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया है. नेशनल मेडिसिनल प्लांटस बोर्डस 25 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होगी. इससे किसानों को 5 हजार करोड की आमदानी होगी. गंगा नदी के किनार 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रॉडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाए. वहीं मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ की योजना लेकर आई है. इससे मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा.

वित्तमंत्री ने आगे कहा, कोरोनावायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते सप्लाई चेन प्रभवित हुई है. किसान बाजारों में अपने सामानों को बेच नहीं पा रहे है. मांग कम और माल ज्यादा होने के कारण सब्जी, फलों आदि को कम दाम पर लोगों को बेचना पड़ रहा है. इसके लिए सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन के विस्तार का फैसला लिया है. इसके अंतर्गत 50 प्रतिशत सब्सिडी माल ढुलाई में और 50 प्रतिात सब्सिडी कोल्ड स्टोरेज में भंडारण पर दी जाएगी. पूर्व में यह प्रावधान आलू, प्याज और टमाटर के लिए सीमित था लेकिन 6 माह के लिए अन्य फलों और सब्जियों को इसमें शामिल किया गया है. इससे किसानों को उनके सामानों का अच्छा दाम मिल सकेगा.

वित्तमंत्री ने जानकारी दी कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी. इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी. इससे तिलहन, दलहन, आलू आदि जैसे प्रॉडक्ट्स को इसमें डि-रेग्युलेट किया जाएगा. आपात या अन्य परिस्थितयों को छोड़कर इन वस्तुओं के भंडार की सीमा भी घटाई जाएगी. उन्होंने आगे कहा, केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाएगी जिसमें किसान को भी बेहतर दाम मिल पाए और अंतराराज्यीय व्यापार कर सके. इससे किसानों का उत्पीड़न रोका जाएगा और किसानों के जीवन में सुधार आएगा.

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