नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के अधिकारियों से प्रत्येक मामले को तेजी से तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इससे हम तस्करी जैसे आर्थिक अपराधों पर लगाम लगा सकेंगे.
सीतारमण ने शनिवार को डीआरआई के 64वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना महत्वपूर्ण है लेकिन हम तेजी से यह काम करेंगे तो इस तरह के लोगों पर अंकुश लगा सकेंगे जो ऐसी गतिविधियों को आगे बढ़ाते हैं.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) के तहत राजस्व आसूचना निदेशालय तस्करी रोकने के लिए सरकार की खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है.
सीतारमण ने क्षमता निर्माण पर जोर दिया ताकि अधिकारी तेजी से खुफिया जानकारी हासिल कर समय पर कार्रवाई कर सकें.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘आपको बहुत सारी खुफिया जानकारी मिलती है लेकिन कभी-कभी और कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि क्या यह वास्तव में कार्रवाई योग्य है. क्षमता निर्माण इसलिए जरूरी है ताकि आप यह पहचान सकें कि कौन की खुफिया सूचना कार्रवाई योग्य है.’ उन्होंने कहा कि डीआरआई जैसी एजेंसियां अपने अनुभव के आधार पर वो तरीके तय कर सकती हैं जिनके जरिए इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है.
उन्होंने डीआरआई को देश में ‘डंप’ कि जा रहे जहरीले कचरे के संबंध में सतर्क रहने को भी कहा.
सीतारमण ने कहा, ‘उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने जिस तरह से दशकों से रिसाइकलकरने की क्षमता का निर्माण किया है, ऐसे में मुझे आशंका है कि हमारे तटों पर जहरीले कचरे को लाने और उसे वहां ‘डंप’ करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर डीआरआई को और अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है.’
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