नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) मत्स्यपालन, डेयरी और पशुपालन मंत्री संजीव कुमार बालयान ने सोमवार को पॉल्ट्री उद्योग से टीकों तथा पोषण बढ़ाने वाले उत्पादों पर आयात निर्भरता को कम करने के लिये अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में बालयान ने सभी संबंधित पक्षों को जोड़ने के लिये पॉल्ट्री परामर्श समिति के पुनर्गठन की भी सिफारिश की।
मंत्री ने उद्योग से टीकों और पोषण बढ़ाने वाले उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिये अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में मंत्रालय के लिये 6,407 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह 2021-22 के मुकाबले 44 प्रतिशत अधिक है।
मत्स्यपालन, डेयरी और पशुपालन विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि उद्योग को अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये प्रभावी और टिकाऊ समाधान लाने की जरूरत है ताकि हम न केवल भारत में प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा कर सकें बल्कि दुनिया को निर्यात भी कर सकें।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से व्यावहारिक और टिकाऊ पॉल्ट्री उद्योग बनाने की दिशा में सस्ती गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पादों की उपलब्धता पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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रमण अजय
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