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Friday, 20 September, 2024
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सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार

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नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) जाड़े की मांग बढ़ने और स्टॉक घटने की वजह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन तथा सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल कीमतों में सुधार आया। बाकी तेल-तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज आज बंद था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में फिलहाल कारोबार का रुख सामान्य था।

सूत्रों ने कहा कि बाजार में सरसों का स्टॉक काफी कम हो गया है और जाड़े के मौसम की मांग निरंतर बढ़ रही है। आलम यह है कि जब सरसों की नयी फसल एक डेढ़ महीने में जब आयेगी तो उस सरसों दाने से निकलने वाले हरेपन को दूर करने के लिए पुरानी सरसों की जरूरत पड़ेगी क्योंकि उपलब्धता नहीं के बराबर है। सरसों की किल्लत के बीच आगरा, कोटा, सलोनी वालों ने सरसों दाना का भाव 8,700 रुपये से बढ़ाकर 8,800 रुपये क्विंटल कर दिया। जिसकी वजह से सरसों तेल-तिलहन के दाम बढ़ गये। इस तेजी का असर हल्के तेलों में गिने जाने सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम पर भी हुआ जिससे सोयाबीन के इन दोनों तेलों के दाम बढ़ गये। लेकिन सोयाबीन दाना (तिलहन) और सोयाबीन दिल्ली तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि इस साल सरसों की खेती और बरसात के अनुकूल रवैये को देखते हुए सरसों उत्पादन में उछाल आने की संभावना है, क्योंकि पिछले मौसम में किसानों को सरसों की खेती से फायदा हुआ था। सूत्रों ने कहा कि इस साल अगर किसान अपनी फसल अधिक दाम की चाहत में नहीं बेचते हैं, तो सरकार को अपनी सहकारी संस्था हाफेड और नेफेड के माध्यम से बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर इसका स्टॉक बना लेना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि पिछले वर्ष किसानों की सरसों की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कहीं अधिक थी और संभवत: इसी कारण उक्त संस्थाओं ने सरसों की खरीद नहीं की। सरसों की नयी फसल आने पर उससे निकलने वाले तेल के हरेपन को कम करने के लिए पुरानी सरसों की दिक्कत आयेगी और पूरी दुनिया में सरसों का कोई भी विकल्प नहीं है। अगर जरूरत पड़े तो किसानों को बोनस देकर भी सरसों खरीद कर उसका स्टॉक विशेष परिस्थिति के लिए बनाना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन दाना, मूंगफली तेल-तिलहन, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला के भाव अपरिवर्तित बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि अप्रैल में सरसों से रिफाइंड बनाने बनाने पर रोक लगा देने की जरूरत है। सरसों की नयी परिपक्व फसल आने के बाद मार्च के आरंभ तक सरसों की स्थिति में सुधार होने की संभावना है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 8,525 – 8,595 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 5,840 – 5,930 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,910 – 2,035 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,565 -2,690 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,745 – 2,860 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,850 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,630 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,410

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,200 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,000 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,550 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,450 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 6,475 – 6,500, सोयाबीन लूज 6,315 – 6,365 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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