मुंबई, आठ अगस्त (भाषा) कोविड-19 महामारी-पूर्व के स्तर की तुलना में बैंकों का छोटे कारोबारियों को ऋण वितरण दोगुना हो गया है। बैंक हालांकि सतर्क बने हुए हैं और मौजूदा ग्राहकों को ऋण देने पर जोर दे रहे हैं।
ऋण से जुड़े आंकड़ों को एकत्र और विश्लेषण करने वाली कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) से ऋण की मांग वित्त वर्ष 2021-22 में महामारी-पूर्व स्तर के मुकाबले 1.6 गुना थी।
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च, 2022 तक कुल सक्रिय एमएसएमई उधारकर्ताओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में छह प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 70 लाख रही।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कुल एमएसएमई कर्जदारों की वृद्धि में कमी आई है क्योंकि ऋणदाता मौजूदा ग्राहकों को ऋण देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
छोटे व्यवसायों को ऋण देना दरअसल एक नीतिगत उद्देश्य है।
रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई को ऋण का वितरण महामारी पूर्व-स्तर की तुलना में दोगुना हो गया है, जो दर्शाता है कि ऋणदाता बढ़ती कर्ज मांग का समर्थन करने की स्थिति में हैं।
वहीं, बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 31 मार्च, 2022 तक 12.8 प्रतिशत पर थीं।
भाषा जतिन रमण अजय
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