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‘इन्वेस्ट यूपी’ और लखनऊ रेल मंडल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

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लखनऊ, 14 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश में औद्योगिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत ‘इन्वेस्ट यूपी’ और उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के बीच एक अहम समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

राज्य सरकार ने यहां बयान जारी कर बताया कि एमओयू पर हस्ताक्षर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में किए गए। ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय किरण आनंद और लखनऊ रेल मंडल के वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस एमओयू के तहत लॉजिस्टिक्स और भंडारण क्षेत्र के निवेशकों को डेढ़ प्रतिशत की रियायती दर पर रेलवे की भूमि 35 वर्षों के लिए पट्टे पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में वेयरहाउसिंग (भंडारण) और लॉजिस्टिक्स ढांचे को विकसित करना और बहुमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना है।

इस मौके पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, “उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी औद्योगिक राज्य बनाने के लिए सरकार और रेलवे के बीच समन्वित प्रयास जरूरी हैं। लॉजिस्टिक्स हब, ड्राई पोर्ट्स और बहुमॉडल पार्क के माध्यम से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही सात एक्सप्रेस-वे हैं और कई अन्य निर्माणाधीन हैं। बेहतर लॉजिस्टिक्स व्यवस्था औद्योगिक वृद्धि को नई गति देगी और प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर (एक लाख करोड़ डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

इस एमओयू के बाद अधिकारियों के बीच इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को बढ़ावा देने और रेलवे भूमि की जानकारी को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल पर जोड़ने जैसे कदम शामिल हैं ताकि निवेशकों को पारदर्शिता और सुविधा मिल सके।

समझौते के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह भी है कि कच्चे माल या तैयार माल की ढुलाई का कम से कम एक हिस्सा रेलवे के माध्यम से किया जाना अनिवार्य होगा जिससे परिवहन की लागत में कमी आएगी और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बयान के मुताबिक, यह साझेदारी उत्तर प्रदेश की वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स नीति 2022 के अनुरूप है जो न्यूनतम 20 करोड़ रुपये के निवेश वाली परियोजनाओं के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट, भू उपयोग परिवर्तन की लागत में रियायत, पूंजी सब्सिडी और बिजली शुल्क में छूट जैसे आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करती है।

उत्तर प्रदेश 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबे रेलवे नेटवर्क के साथ लॉजिस्टिक्स हब, ड्राई पोर्ट और औद्योगिक पार्क का विकास कर रहा है। प्रमुख परियोजनाओं में दादरी में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स हब और वाराणसी में देश का पहला ‘फ्रेट विलेज’ शामिल हैं।

भाषा सलीम नोमान अनुराग

अनुराग

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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