मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 388 अंक से अधिक टूटकर 58,576.37 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले टाटा स्टील, विप्रो और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट के साथ घरेलू बाजार नुकसान में रहे।
विश्लेषकों के अनुसार, रुपये की विनिमय दर में तीव्र गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई।
निवेशकों ने मार्च महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और मुद्रास्फीति के आंकड़े आने से पहले सतर्क रुख अपनाया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 388.20 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,576.37 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, सेंसेक्स एक समय 666 अंक तक नीचे आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 144.65 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,530.30 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में तीव्र वृद्धि और नीतिगत दर में इजाफे की आशंका से वैश्विक बाजार में गिरावट है। बांड प्रतिफल में वृद्धि से शेयरों के प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में भी मुद्रास्फीति 2022-23 की पहली तिमाही में उच्चस्तर पर रहने की संभावना है। ऐसी उम्मीद है कि जिंसों के दाम में नरमी और आपूर्ति के बेहतर होने से इसमें सुधार की उम्मीद है। घरेलू बाजार में निवेशकों की नजर कंपनियों के चौथी तिमाही के वित्तीय परिणामों पर है।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘अन्य वैश्विक बाजारों की तरह निफ्टी में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही…।’’
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से टाटा स्टील में सर्वाधिक 2.76 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा टेक महिंद्रा, विप्रो, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो और बजाज फिनसर्व भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
इसके उलट लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पावरग्रिड, मारुति सुजुकी और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 1.67 प्रतिशत तक की तेजी रही।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 नुकसान में रहे।
टीसीएस का शेयर 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,691.45 रुपये पर बंद हुआ।
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को कहा कि उसका शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत बढ़कर 9,926 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की आय पहली बार किसी तिमाही में 50,000 करोड़ रुपये को पार कर गयी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसमें सकारात्मक और नकारात्मक खबरों के अनुसार घट-बढ़ होती रहेगी। अल्पकाल में चुनौती अमेरिकी बांड प्रतिफल में तेजी है। यह 10 साल की अवधि वाले बांड के मामले में 2.8 प्रतिशत को पार कर गया है। इसके अलावा शेयर बाजार से निकासी जारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नैस्डैक में प्रौद्योगिकी से जुड़ा सूचकांक नीचे आया है और इससे भारतीय आईटी शेयरों में भी बिकवाली हुई। लेकिन टीसीएस के परिणाम को देखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। टीसीएस के परिणाम से अन्य आईटी कंपनियों के ऑर्डर मजबूत रहने का अनुमान है।’’
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.20 प्रतिशत उछलकर 101.6 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की गिरावट के साथ 76.14 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,145.24 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.