नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) सरकार अगले सप्ताह तक बाजार नियामक सेबी के समक्ष जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दस्तावेजों का मसौदा दाखिल कर सकती है। सेबी की मंजूरी के बाद कंपनी का आईपीओ मार्च में आ सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्गम का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि बीमा नियामक की मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद शेयर बिक्री के आकार का विवरण देने वाले दस्तावेजों का मसौदा दाखिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बॉर्ड (सेबी) की मंजूरी मिलने के बाद मार्च तक एलआईसी का आईपीओ बाजार में आ सकता है।
वही उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) एलआईसी के सुगमता से विनिवेश के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई) में बदलाव के लिए जल्द केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास जाएगा।
डीपीआईआईटी के सचिव अनुराग जैन ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मामले पर अंतर-मंत्रालयी परामर्श अंतिम चरण में है।
चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश लक्ष्य को घटाकर 78,000 करोड़ रुपये किया गया है। लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए भी एलआईसी की सूचीबद्धता महत्वपूर्ण है।
सरकार अब तक एयर इंडिया के निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।
पांडेय ने कहा कि एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य आ गया है और अब इसे भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की मंजूरी का इंतजार है।
उन्होंने कहा, ‘‘सात से दस दिन के बीच एलआईसी के आईपीओ के लिए दस्तावेजों का मसौदा (डीआरएचपी) दाखिल किया जाएगा। अनौपचारिक रूप से हम विभिन्न मुद्दों पर सेबी से चर्चा करते रहे हैं। आईपीओ के आकार का विवरण डीआरएचपी में होगा।’’
भाषा जतिन
अजय
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