नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) बैंकों, वित्तीय संस्थानों और दबाव वाली कंपनियों के अन्य लेनदारों ने सितंबर तक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की निगरानी वाली दिवाला समाधान प्रक्रियाओं के जरिये 2.43 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है।
भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक 532 कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से समाधान योजनाएं मिली हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘30 सितंबर, 2022 तक ऋणदाताओं को समाधान योजनाओं के तहत 2.43 लाख करोड़ रुपये मिले हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इन कंपनियों के पास उपलब्ध परिसंपत्तियों का उचित मूल्य अनुमानित 2.14 लाख करोड़ रुपये था और ऋणदाताओं के 7.91 लाख करोड़ रुपये के कुल दावों के मुकाबले 1.37 लाख करोड़ रुपये का परिसमापन मूल्य हासिल हुआ था।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऋणदाताओं ने परिसमापन मूल्य का 177.55 प्रतिशत और उचित मूल्य का 84 प्रतिशत (456 मामलों के आधार पर जहां उचित मूल्य का अनुमान लगाया गया है) वसूल किया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर, 2022 तक दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता की धारा 12ए के प्रावधानों के तहत 740 सीआईआरपी वापस ले लिए गए हैं।
भाषा रिया अजय
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