नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) प्रमुख आर्थिक संकेतक इस बात का संकेत दे रहे हैं कि 2023-24 के अंत में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के लिए क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) बढ़ रहा है और सेवाओं में भी मजबूत रुझान बना हुआ है।
एनसीएईआर ने कहा कि फरवरी में विनिर्माण गतिविधियों के लिए पीएमआई बढ़कर 56.9 हो गया। इससे मजबूत गति का पता चलता है। आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि जनवरी में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी में 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गई।
एनसीएईआर की मार्च के लिए समीक्षा रविवार को जारी की गई।
आर्थिक थिंक टैंक ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह भी शानदार रहा, जो फरवरी में 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें सालाना आधार पर 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एनसीएईआर ने कहा कि व्यक्तिगत ऋण, सेवाओं, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए मजबूत वृद्धि के साथ बैंक ऋण वृद्धि 20.5 प्रतिशत पर मजबूत रही।
एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, ”दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है और उक्त संकेतक इसके अनुरूप हैं।”
उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के साथ ही व्यापक आर्थिक स्थिरता की ओर इशारा करने वाले संकेतक भी मिल रहे हैं।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.