बेंगलुरु, छह नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को उत्तर कर्नाटक में जारी गन्ना किसानों के आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल मुलाकात का वक्त मांगा।
राज्य के उत्तरी जिलों में गन्ना किसान प्रति टन 3,500 रुपये का उचित मूल्य मांग रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समस्या की जड़ें केंद्र के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) फॉर्मूला, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में आई स्थिरता, निर्यात प्रतिबंध और एथनॉल की सीमित खरीद से जुड़ी हुई हैं।
बेलगावी जिले के मुदालगी तालुक के गुरलापुर क्रॉस में किसानों का प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी रहा। अब यह प्रदर्शन बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा, हावेरी जैसे जिलों में भी फैल चुका है।
सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने किसानों और चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के बीच संवाद के कई प्रयास किए, लेकिन आंदोलन तेज हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के लिए तत्काल मुलाकात का वक्त मांगा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 11.25 प्रतिशत रिकवरी पर 3,200 रुपये प्रति टन और 10.25 प्रतिशत रिकवरी पर 3,100 रुपये प्रति टन का भुगतान सुझाया है, लेकिन किसान असंतुष्ट हैं।
सिद्धरमैया ने केंद्र से आग्रह किया कि गन्ने की कटाई एवं परिवहन खर्च घटाने के बाद किसानों को 3,500 रुपये प्रति टन का शुद्ध मूल्य देने की राज्यों को अनुमति दी जाए।
उन्होंने चीनी का एमएसपी बढ़ाने, निर्यात में राहत, एथनॉल खरीद बढ़ाने और किसानों के बकाये की समयबद्ध निगरानी के लिए संयुक्त उच्च स्तरीय समिति गठित करने की भी मांग की।
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