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Friday, 20 December, 2024
होमदेशअर्थजगत'GST दरों में कमी से उपभोक्ताओं के साथ न्याय हुआ है', वित्तमंत्री बोलीं- केंद्र और राज्य को मिला लाभ

‘GST दरों में कमी से उपभोक्ताओं के साथ न्याय हुआ है’, वित्तमंत्री बोलीं- केंद्र और राज्य को मिला लाभ

केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि GST के आने से आम लोगों को सुविधा मिली है. उन्होंने कहा कि GST के कारण कर संग्रह बढ़ा है जिसका केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों को लाभ मिला है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने पिछली सरकार की तुलना में दरों में कमी लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है.

उन्होंने आगे कहा कि GST आने के बाद राज्य और केंद्र, दोनों सरकार को अधिक कर मिलने लगे हैं. 

वित्तमंत्री ने कहा, “GST ने पिछली व्यवस्था की तुलना में दरें नीचे लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है. GST लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली काफी मुश्किल थी, जहां हर राज्य प्रभावी रूप से उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता के लिए एक अलग बाजार था. GST ने अधिक कर उछाल लाया, जिसके परिणामस्वरूप कर संग्रह बढ़ रहा है. इससे केंद्र और राज्यों दोनों को लाभ मिल रहा है. हमें इस मिथक को दूर करना होगा कि इससे राज्यों को नुकसान हो रहा है. GST आने के बाद किसी भी राज्य को नुकसान नहीं हुआ है. कोरोना महामारी के बावजूद नुकसान नहीं हुआ है.” 

GST को ‘गब्बर सिंह’ टैक्स बताने और GST से बोझ बढ़ने की बात कहने को लेकर राहुल गांधी पर परोक्ष रुप से हमला करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसे शर्मनाक बताया और कहा कि GST वास्तव में आम नागरिक के लिए राहत लेकर आया है.

उन्होंने कहा, “हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, परफ्यूम और डिटर्जेंट पर, GST से पहले औसत कर का बोझ लगभग 28 प्रतिशत था, जिसे GST के तहत घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया. ये ठोस संख्याएं हैं. तो, कोई कैसे कह सकता है कि GST एक बोझ लेकर आया है. इसे ‘गब्बर सिंह’ टैक्स कहा जा रहा है, जोकि शर्म की बात है. इस देश के नेताओं को पता पता होना चाहिए कि इस कदम से आम नागरिक को कितना राहत मिला है.”

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि लोगों के लाभ के लिए कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को GST से छूट दी गई है.

वित्तमंत्री ने कहा, “कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को पूरी तरह से GST से छूट दी गई है, जैसे कि खाद्य पदार्थ जो पहले से पैक और बिना लेबल के बेचे जाते हैं. इसमें चावल, गेहूं, आटा, दही जैसी जरुरी खाद्य सामग्री शामिल है. स्वास्थ्य शैक्षिक सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, कृषि सेवाओं को भी GST से छूट दी गई है.”

इस बीच, जून महीने में भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इसी महीने में एकत्र राजस्व से 12 प्रतिशत अधिक है.

वित्तमंत्री ने कहा, “जून, 2023 के महीने में एकत्रित सकल GST राजस्व 1,61,497 करोड़ रुपये है, जिसमें CGST 31,013 करोड़ रुपये, SGST 38,292 करोड़ रुपये, IGST 80,292 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) है. उपकर 11,900 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 1,028 करोड़ रुपये सहित) है. सरकार ने IGST से CGST को 36,224 करोड़ रुपये और SGST को 30,269 करोड़ रुपये का निपटान किया है.”

यह चौथी बार है, जब सकल GST संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया.


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