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Thursday, 9 October, 2025
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झरिया कोयला क्षेत्र:आग से निपटने की संशोधित योजना की निगरानी के लिए समिति की जाएगी गठित

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नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र में लगी आग से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित ‘मास्टर प्लान’ के क्रियान्वयन की प्रगति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने इस संबंध में झारखंड सरकार को पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया, ‘‘ झारखंड सरकार, कोयला सचिव और झारखंड सरकार के मुख्य सचिव की सह-अध्यक्षता में एक निगरानी समिति गठित करेगी जो संशोधित जेएमपी (झरिया मास्टर प्लान) के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित आधार पर बैठक करेगी।’’

इसमें कहा गया कि झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) को मजबूत करना तत्काल प्राथमिकता है।

झारखंड के धनबाद जिले में आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निपटने के लिए संयुक्त परियोजना प्रबंधन परियोजना को केंद्र सरकार ने अगस्त 2009 में मंजूरी दी थी। इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष थी तथा अनुमानित निवेश 7,112.11 करोड़ रुपये था। इस योजना की अवधि 2021 में समाप्त हो गई।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इस वर्ष जून में 5,940.47 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी थी।

झरिया कोयला क्षेत्र की कोयला खदानों में 1916 में आग लगने की पहली घटना सामने आई और तब से ‘ओवरबर्डन’ यानी खान के आसपास रखे मलबे (मिट्टी, पत्थर आदि) में कई बार आग लग चुकी है।

कोयला सचिव ने कहा कि संशोधित संयुक्त परियोजना कार्यान्वयन केंद्र सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है क्योंकि इससे झरिया के निवासियों को अत्यधिक लाभ होगा।

सचिव ने पत्र में लिखा, ‘‘ मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस योजना को यथाशीघ्र लागू करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें।’’

संशोधित योजना में पुनर्वासित परिवारों के लिए स्थायी आजीविका सृजन पर जोर दिया गया है। इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए आय-सृजन के अवसर सृजित किए जाएंगे।

भाषा निहारिका रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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