नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड अपने वैश्विक सिंचाई कारोबार का टेमासेक के स्वामित्व वाली रिवुलिस में विलय करेगी। यह सौदा नकद और शेयर के रूप में होगा।
इस कदम से कंपनी को अपने एकीकृत ऋण को 2,700 करोड़ रुपये या लगभग 45 प्रतिशत कम करने में मदद मिलेगी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक अनिल जैन ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि जैन इरिगेशन का वैश्विक सिंचाई कारोबार 4,200 करोड़ रुपये का है। इसमें से 2,700 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पूरा विदेशी कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा और 200 करोड़ रुपये मूल कंपनी को मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि विलय की गई इकाई में जैन इरिगेशन की 22 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी होगी जबकि रिवुलिस के पास 78 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
जैन के अनुसार, इस समझौते के अगले छह महीनों में पूरा होने की संभावना है और इससे संयुक्त इकाई का राजस्व 75 करोड़ डॉलर का होगा।
वर्तमान में, रिवुलिस का वार्षिक राजस्व 40 करोड़ डॉलर है जबकि जैन इरिगेशन का वैश्विक सिंचाई कारोबार 35 करोड़ डॉलर का है।
जैन इरिगेशन सिस्टम्स की शत प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जैन इंटरनेशनल ट्रेडिंग और रिवुलिस ने इस संबंध में निश्चित लेनदेन समझौते भी किए हैं।
भाषा जतिन रमण
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