नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने सोमवार को कहा कि ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष का मांग और लॉजिस्टिक्स पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर खाड़ी क्षेत्र में, जो भारतीय निर्यात के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
फियो ने कहा कि संघर्ष के कारण पोत परिवहन लागत में वृद्धि, पारगमन का समय बढ़ना तथा समुद्री बीमा प्रीमियम में वृद्धि हो सकती है।
हाल के सप्ताहों में इजराइल-ईरान संघर्ष काफी बढ़ गया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे में काफी हमले किए हैं और अब अमेरिका भी इसमें शामिल हो गया है।
फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा, ‘‘ हमें मांग और लॉजिस्टिक्स पर कुछ अल्पकालिक प्रभाव की आशंका है, विशेष रूप से खाड़ी क्षेत्र में जो भारतीय निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है। मूल्य-संवेदनशील क्षेत्रों में…पोत परिवहन लागत में वृद्धि, लंबा पारगमन समय और बढ़ते समुद्री बीमा प्रीमियम से दबाव बढ़ सकता है।’’
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव मुद्रास्फीति और लॉजिस्टिक्स लागत दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन भारत की विविध ऊर्जा खरीद रणनीति और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का सक्रिय रुख नकदी और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
रल्हन ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर कुछ अस्थायी बाधाएं हैं, हम इसे भारतीय निर्यातकों के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशने, क्षेत्रीय साझेदारी को मजबूत करने और अनिश्चित समय में एक भरोसेमंद व्यापारिक भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखते हैं।’’
भाषा निहारिका अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.