मुंबई, दो अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने मंगलवार को कहा कि भारत के पूंजी बाजार में उच्च मूल्यांकन का कारण विदेशी निवेशकों की देश को लेकर उम्मीद और भरोसा है।
उन्होंने कहा कि मूल्य-आय अनुपात 22.2 है जो दुनिया के कई सूचकांकों के औसत से अधिक है।
बुच ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कंपनी संचालन पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘निश्चित रूप से कुछ लोग कहते हैं कि हमारा बाजार महंगा है लेकिन फिर भी निवेश क्यों आ रहा है? क्योंकि यह उस आशावाद और विश्वास का प्रतिबिंब है जो दुनिया आज भारत में रखती है…।’’
सेबी प्रमुख ने कुछ सप्ताह पहले छोटे और मझोली कंपनियों के शेयर खंड में उच्च मूल्यांकन पर चिंता जतायी थी। उन्होंने कहा था कि यह एक ‘बुलबुले’ में तब्दील हो सकता है।
बुच ने कहा कि वह मिली जिम्मेदारियों के तहत नियमित रूप से विदेशी निवेशकों से मिलती रहती हैं। उन्होंने देखा है कि कई साल की मजबूत वृद्धि के बाद देश की अर्थव्यवस्था में जो गति आई है, उसके कारण उनमें भारत के प्रति रुचि बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था की ताकत का संकेत देने वाले आंकड़ों से प्रोत्साहन मिलता है। ये जीएसटी संग्रह, अग्रिम कर भुगतान, बिजली और ऊर्जा खपत में वृद्धि जैसे आंकड़े हैं।
बुच ने कहा कि बाजार में रुचि के कारण शेयर खंड में कुल बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में 378 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। जबकि एक दशक पहले यह 74 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि बाजार पूंजीकरण अब कुल मिलाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थाओं ने वित्त वर्ष 2023-24 में इक्विटी और बॉन्ड जारी कर बाजार से कुल 10.5 लाख करोड़ रुपये जुटाये। इसमें बॉन्ड के माध्यम से आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाये गये।
बुच ने बॉन्ड जारी करने के बारे में कहा कि यह अब एक साल में दिये गये कुल बैंक ऋण के 62 प्रतिशत से अधिक तक पहुंच गया है।
भाषा रमण अजय
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