बेंगलुरु, दो अगस्त (भाषा) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में निवेशकों ने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भूमि उपयोग से संबंधित बढ़ते विवादों पर चिंता जताई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला डीपीआईआईटी, भारत में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नीतियां तैयार करता है और उन्हें लागू करता है।
बेंगलुरु में आयोजित ‘विकसित भारत-2047’ निवेशक गोलमेज सम्मेलन के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए भाटिया ने कहा कि कर्नाटक सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए पहले से ही काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति सुधारने के लिए जो भी ज़रूरी होगा, करेंगे।”
उन्होंने कहा कि हितधारकों ने एकल-खिड़की निकासी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया है और मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों सहित बेहतर बुनियादी ढांचे की मांग की है।
इस सम्मेलन में वरिष्ठ नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों और व्यावसायिक नेताओं ने कर्नाटक और दक्षिण भारत में परिवर्तनकारी औद्योगिक विकास की रणनीतियों पर चर्चा की।
भाटिया ने कहा कि इस आयोजन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा संभावित रूप से अपनाए जाने हेतु कई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई।
उन्होंने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) का हवाला दिया, जिसमें क्षेत्र-विशिष्ट सुविधाओं—जैसे जल और बिजली आपूर्ति, इलेक्ट्रॉनिक्स परीक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन—से युक्त 20 औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जिसे दक्षिणी राज्य एक मॉडल के रूप में अपना सकते हैं।
भाटिया ने अपने संबोधन भारत के औद्योगिक भविष्य को आकार देने में एकीकृत बुनियादी ढांचे के महत्व पर ज़ोर दिया।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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