नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) दिल्ली-एनसीआर के करीब 70 फीसदी डेवलपरों का मानना है कि आवास ऋण पर ब्याज दरों में हाल में की गई वृद्धि का आवास मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है। रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई ने एक सर्वे में यह जानकारी दी।
क्रेडाई-एनसीआर ने 21 जून से 30 जून के बीच कराए गए इस सर्वे में रियल एस्टेट कंपनियों के मालिकों और निदेशकों से बातचीत के आधार पर यह दावा किया। करीब 150 डेवलपर क्रेडाई के एनसीआर चैप्टर के सदस्य हैं।
सर्वे में शामिल करीब 68 फीसदी डेवलपर ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दरों में हाल में की गई बढ़ोतरी का मांग पर कोई असर नहीं हुआ है। हालांकि 27 फीसदी डेवलपर ने कहा कि बिक्री और आवासीय परियोजनाओं के बारे में पूछताछ में हल्की गिरावट आई है।
क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी के फैसले का आवास की मांग पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के इस कदम के तुरंत बाद बैंकों ने आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ा दी थीं लेकिन रेपो दरों में कटौती किए जाने पर बैंक ग्राहकों को तुरंत इसका लाभ नहीं देते हैं।
क्रेडाई-एनसीआर के महासचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि 82.5 फीसदी डेवलपर की इस वर्ष नई परियोजनाएं लाने की योजना है। इनमें 76 फीसदी डेवलपर 3,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर वाली किफायती आवासीय परियोजनाएं लाना चाहते हैं।
सर्वे के मुताबिक, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए मंजूरी में होने वाला विलंब अभी भी इसकी राह में सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई है।’’
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