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गुरूवार, 12 जून, 2025
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दुर्घटनाग्रस्त विमान के यात्रियों के परिजनों को बीमा भुगतान मॉन्ट्रियल समझौते के तहत होगा: विशेषज्ञ

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नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के आश्रितों को बीमा भुगतान मॉन्ट्रियल समझौते (कन्वेंशन) के तहत किया जाएगा। विशेषज्ञों ने यह कहा है।

प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स के उपाध्यक्ष (विमानन और विशेष लाइन) हितेश गिरोत्रा ​​ने कहा कि विमान में सवार यात्रियों की राष्ट्रीयता मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अनुसार एयरलाइन कंपनी पर लागू न्यूनतम देयता को परिभाषित करेगी।

ब्रोकरेज फर्म हाउडेन (इंडिया) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित अग्रवाल ने कहा कि एयरलाइन द्वारा अंतरिम मुआवजे की घोषणा की जा सकती है, लेकिन यात्रियों के लिए अंतिम मुआवजा 1999 के मॉन्ट्रियल समझौते के तहत निर्धारित किया जाएगा, जिस पर भारत ने 2009 में हस्ताक्षर किए थे।

अग्रवाल ने कहा, “मुआवज़े की गणना विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का उपयोग करके की जाती है, जो अक्टूबर, 2024 तक 1,28,821 एसडीआर (लगभग 1.33 डॉलर प्रति एसडीआर) था। वास्तविक भुगतान एयर इंडिया द्वारा खरीदे गए कवरेज पर निर्भर करेगा।”

यात्रियों और चालक दल मिलाकर कुल 242 लोगों को को लेकर लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इनमें से 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, एक कनाडाई नागरिक और सात पुर्तगाली नागरिक सवार थे।

अग्रवाल ने कहा कि जहां तक ​​विमान को होने वाले नुकसान का सवाल है, तो इसे उस अनुभाग के तहत कवर किया जाएगा, जो विमान के वर्तमान मूल्यांकन, जिसमें कलपुर्जे और उपकरण भी शामिल हैं, का बीमा करता है।

उन्होंने कहा कि ड्रीमलाइनर के लिए, इसकी संरचना, आयु और अन्य कारकों के आधार पर, यह मूल्य 21.1 करोड़ डॉलर से 28 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है।

उन्होंने कहा, “संबंधित विमान (वीटी-एबीएन) 2013 मॉडल का था और उपलब्ध जानकारी के आधार पर, 2021 में इसका लगभग 11.5 करोड़ डॉलर का बीमा किया गया था। चाहे क्षति आंशिक हो या पूर्ण, नुकसान को एयरलाइन द्वारा घोषित मूल्य के आधार पर कवर किया जाएगा।”

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के अध्यक्ष नरेंद्र भारिंदवाल के अनुसार, एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइन के लिए विमानन बीमा कार्यक्रम बेड़े के आधार पर व्यवस्थित किए जाते हैं और लंदन और न्यूयॉर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पुनर्बीमा किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, “कोई भी एक बीमाकर्ता पुरा जोखिम नहीं उठाता — कवरेज वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच व्यापक रूप से वितरित किया जाता है, जिसमें 1.5 प्रतिशत से दो प्रतिशत तक की छोटी हिस्सेदारी होती है और एक प्रमुख पुनर्बीमाकर्ता आमतौर पर 10-15 प्रतिशत लेता है। ऐसी घटनाओं का वित्तीय प्रभाव वैश्विक रूप से इस नेटवर्क में साझा किया जाता है।”

इस दुर्घटना के कारण एयर इंडिया पर समग्र दायित्व (यात्रियों और तीसरे पक्ष) का पता लगाना अभी जल्दबाजी होगी।

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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