नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर विदेशी निवेशकों के सतर्क रहने के कारण अप्रैल-जून में भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 33 प्रतिशत घटकर 1.69 अरब डॉलर रह गया। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी कोलियर्स इंडिया ने यह जानकारी दी।
कोलियर्स इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल-जून के दौरान रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश घटकर 169.12 करोड़ डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 253.33 करोड़ डॉलर था।
समीक्षाधीन अवधि में विदेशी निवेशकों से प्राप्त धन प्रवाह 204.68 करोड़ डॉलर से लगभग आधा होकर 104.84 करोड़ डॉलर हो गया।
घरेलू निवेशक उत्साहित रहे और उन्होंने अप्रैल-जून के दौरान 64.28 करोड़ डॉलर का निवेश किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 48.65 करोड़ डॉलर से 32 प्रतिशत अधिक है।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, “घरेलू पूंजी भारत के रियल एस्टेट निवेश में एक प्रमुख चालक के रूप में उभरी है। कुल निवेश में इसकी हिस्सेदारी 2021 में 16 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 34 प्रतिशत हो गई है।”
उन्होंने कहा कि 2025 की पहली छमाही में घरेलू निवेश कुल प्रवाह का 48 प्रतिशत रहा।
याग्निक ने कहा, “उनके बढ़ते प्रभुत्व ने वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभाव को कम करने और 2025 की पहली छमाही में कुल निवेश को तीन अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद की है।”
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-जून की अवधि में रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 15 प्रतिशत घटकर 299.81 करोड़ डॉलर रह गया, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 352.85 करोड़ डॉलर था।
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