नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) जनवरी-मार्च तिमाही में कोविड महामारी की तीसरी लहर से उबरने के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश दोगुना होकर 1.1 अरब डॉलर (करीब 8,375 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।
संपत्ति सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि एक साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 50 करोड़ डॉलर था, जबकि इससे पिछली तिमाही में यह एक अरब डॉलर रहा था।
कोलियर्स इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 1.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले दोगुना है। महामारी की तीसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था के खुलने और निवेश धारणा सुधरने से रियल एस्टेट में निवेश बढ़ा है।’’
इस तिमाही में निवेश गतिविधियों को कार्यालय स्थल में हुए कुछ बड़े सौदों से समर्थन मिला है। लेकिन इस निवेश में 70 फीसदी हिस्सेदारी के साथ विदेशी निवेशकों की बड़ी भूमिका रही है।
सलाहकार फर्म ने कहा, ‘‘हालांकि वर्ष 2020 में आई गिरावट के बाद घरेलू निवेश की हिस्सेदारी इस तिमाही में 30 फीसदी पर पहुंच गई है जो कि लगभग महामारी-पूर्व का स्तर है। यह रियल एस्टेट में घरेलू निवेशकों के बढ़ते भरोसे को बयां करता है।’’
जनवरी-मार्च 2022 की अवधि में भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में हुए निवेश का करीब 95 प्रतिशत दफ्तर, खुदरा एवं औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक खंड में गया है। इसमें भी खुदरा क्षेत्र 23 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा है।
जहां तक आवास क्षेत्र में आए निवेश का सवाल है तो यह काफी हद तक स्थिर रहा है। इस तिमाही में आवास क्षेत्र में सिर्फ 1.5 करोड़ डॉलर का ही निवेश आया जो एक साल पहले की तुलना में महज एक फीसदी की बढ़त दर्शाता है।
कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवाएं) पीयूष गुप्ता ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र में सकारात्मक संरचनात्मक बदलाव आए हैं और प्रदर्शन सूचकांक आवास, कार्यालय, औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक क्षेत्रों की तगड़ी वापसी की ओर इशारा करते हैं।’’
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प्रेम अजय
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